आपके मन के हर सवाल का जवाब यहाँ मिलेगा। बचपन से लेकर आज तक आपको गन सवालों का जवाब शायद कहीं नहीं मिला होगा। लेकिन 25 ऐसे सवाल जो आपसे और इस ब्राह्मांड जुड़े हैं जिनका जवाब आपको नहीं पता है।
देखते हैं क्या है वो सवाल.....
1. आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है?
Ans: सूर्य का श्वेत प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना होता है| हम प्रकाश को तरंग ऊर्जा का रूप मान सकते हैं जिसमें विभिन्न रंगों का तरंगदैर्ध्य भिन्न-भिन्न होता है| इंद्रधनुष में मौजूद सात रंगों में लाल रंग का सबसे अधिक और नीले व बैंगनी रंग का तरंग दैर्ध्य सबसे कम होता है। नीले रंग का बिखराव लाल रंग की अपेक्षा अधिक होता है जिसके कारण आकाश नीला दिखाई देता है, यद्यपि क्षितिज की और नीला रंग कम होता जाता है क्योंकि क्षितिज से आ रहे प्रकाश को वायुमंडल में अधिक दूरी तय करनी होती है जिसके कारण अधिक बिखराव होता है और नीला रंग कम होता जाता है|
2. बिजली और टेलीफोन के खम्भों के बीच तार कसकर क्यों नहीं लगाये जाते हैं?
Ans: यह तो हम सभी जानते ही हैं कि बिजली और टेलीफोन के तार दो खम्भों के मध्य कसकर नहीं बांधें जाते हैं क्योंकि यदि इन्हें कसकर लगाया जाये तो सर्दी के दिनों में ताप कम होने पर ये सिकुड़ कर टूट सकते हैं अतः तारों को ढीला छोड़ा जाता है।
3. ढलता हुआ सूरज हमें लाल क्यों नजर आता है?
Ans: जब सूरज ढल रहा होता है, तब रोशनी में मौजूद रंगों को हम तक पहुँचने के लिए काफी लम्बा रास्ता तय करना होता है| इस दौरान वायुमंडल में मौजूद धूल के कणों से प्रकाश का प्रकीर्णन होता है।नीले रंग का बिखराव कम तरंग दैर्ध्य के कारण सबसे अधिक होता है| नीले रंग के बिखर जाने के बाद सिर्फ लाल और नारंगी रंग ही बचते हैं जो हमारी आँखों तक सीधे पंहुचते हैं। और यही कारण है कि सूर्यास्त के समय आसमान में लाल रंग होता है और सूरज भी लाल नजर आता है।
4. तारे टूटते हुए क्यो दिखाई देते है?
Ans: अन्तरिक्ष में अनेकों बड़ी-बड़ी रचनाएँ उपस्थित है जो पृथ्वी से अरबों किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिन्हें हम तारों के रूप में देखते है। इनके अलावा कुछ पिंड जो पृथ्वी के पास आने पर वायुमंडल में प्रवेश करते है तो हवा की रगड़ से गर्म होकर जलने लगते है| इसे ही तारा टूटना कहते हैं| अधिकांश उल्कायें वायुमंडल में पूरी तरह जल जाती हैं लेकिन कुछ बड़ी उल्काएं पृथ्वी तक पहुँच जाती हैं उन्हें उल्कापिंड कहते हैं|
5. दिन में तारे दिखाई क्यों नही देते हैं?
Ans: पृथ्वी के चारों ओर सघन वायुमंडल है जो सूर्य के प्रकाश के चारों ओर बिखेर देता है जिससे दिन में आकाश चमकदार हो जाता है तथा तारे दिखाई नहीं देते है जबकि चाँद पर जहाँ वायुमंडल नहीं है वहाँ दिन में भी तारे देखे जा सकते हैं।
Ans: पान बनाते समय कत्था व चूना लगाया जाता है। इस कत्थे में एक पदार्थ होता है जिसे कतेचू कहते है। यह कतेचू चूने से बने क्षारीय माध्यम में आक्सीजन से क्रिया करके कतेचूटैनिक अम्ल बनाता है। यह कतेचूटैनिक अम्ल लाल रंग का यौगिक होता है जो मुख को रंग देता है।
Ans: हवा के गर्म होने पर वह फैलने लगती है इसके कारण हवा का घनत्व कम हो जाता है| और वह हल्की होती है। हल्की होने से वह ऊपर उठती है।
Ans: समुद्र के पानी का भी सामान्य पानी की तरह रंगहीन होता है| फिर भी यह नीला दिखाई देता है क्योंकि जब सूर्य के प्रकाश की किरणें समुद्र पर गिरती है, विशेषकर उस जगह पर जहाँ इसका जल गहरा और स्वच्छ होता है तो वहाँ से परावर्तित होने के बाद इस प्रकाश में मौजूद सात रंगों में से केवल नीला रंग ही हमारी आँखों तक पहुँचता है| यही कारण है कि समुद्र हमें नीला दिखाई देता है।
Ans: पृथ्वी के अन्दर होने वाली हलचल से उत्पन्न कम्पन्न को भूकम्प कहते हैं। भूकम्प आने का मुख्य कारण भूगर्भीय चट्टानों में लचीलापन होने,ज्वालामुखी के फटने, महाद्वीपो के आकर्षण, पृथ्वी की आतंरिक चट्टानों के सिकुड़ने अथवा चट्टानों के आपस में टकराने से उस क्षेत्र विशेष की भूमि में कम्पन्न उत्पन्न होना होता है।
10. गर्मी में हल्के रंग के कपडे पहनना क्यों पसंद किया जाता है?
Ans: हल्के रंग के कपड़ों पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश का अधिकतर भाग परावर्तित हो जाता है जबकि गहरे रंग के कपड़े सूर्य के प्रकाश के अधिकतर भाग को अपने सोंख लेते है जिससे अधिक गर्मी का अनुभव होता है और गर्मी के दिनों में परेशानी होती है। जबकि हल्के रंग वाले कपड़े प्रकाश को परावर्तित कर शरीर को शीतलता का अनुभव करते हैं।
Ans: प्रकाश जब एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो यह अपने निश्चित पथ से थोड़ा मुड़ जाता है| प्रकाश का यह गुण अपवर्तन कहलाता है। अपवर्तन के समय प्रकाश में उपस्थित अलग-अलग रंग अपनी-अपनी प्रवृति के हिसाब से कम ज्यादा मुड़ते है| अतः प्रकाश अपने सात रंगों में विभाजित हो जाता है। हवा, पानी, काँच आदि अलग-अलग माध्यम है , इस कारण प्रकाश के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करते समय अपवर्तन की क्रिया होती है। बरसात के दिनों में बादलों से टपकती बूंदों से सूर्य का प्रकाश टकरा कर आकाश में भी ठीक इसी तरह इन्द्रधनुष का निर्माण कर देता है।
Ans: हवाई जहाज का इंजन की वजह से नहीं बल्कि अपने पंख के आकर की वजह से उड़ पाना सम्भव हो पाता है। पंख की इस विशेष बनावट को एरोफाइल कहते हैं। इस एरोफाइल की विशेषता यह है कि पंख के ऊपर और नीचे से गुजरने वाली हवा को पीछे जाकर एक ही समय पर मिलने के लिये ऊपर से होकर जाने वाला हवा को नीचे से होकर जाने वाली हवा से तेज़ चलना पड़ता है। वायु की गति जितनी तेज़ होती है उसका दबाव उतना ही कम होता है। पंख के ऊपर वाले भाग में वायु का दाब , नीचे वाले भाग की तुलना में कम होगा, जिससे पंख ऊपर उठने को बाध्य होंगे वायुदाब के अंतर द्वारा उत्पन्न वह बल जिस के कारण वायुयान ऊपर उठने को मजबूर हो जाता है, उत्थापक बल कहलाता है। इंजन का काम तो होता है वायुयान को तेजी के साथ वायु के बीच से गुजारना ताकि उत्थापक बल द्वारा यह ऊपर उठाया जा सके।
Ans: खुले बर्तन में खाना बनाने की अपेक्षा ढके बर्तन में खाना जल्दी पकता है क्योंकि पानी से बनने वाली भाप उसमें बेकार नहीं जाती है। ढके बर्तन में दाब भी अधिक होता है नियमानुसार जैसे-जैसे दाब बढ़ता है पानी का क्वथनांक कम होता जाता है। प्रेशर कुकर में दाब अधिक हो जाने के कारण पानी या उसमें पकाये जाने वाले पदार्थो का क्वथनांक घट जाता है जिससे वे जल्दी पक जाते हैं।
Ans: नींबू में सीरींज द्वारा मेथील ऑरेंज प्रवेश कराते है जो नींबू में उपस्थित सिट्रिक अम्ल से क्रिया करके लाल बिबनेनाइड रूप में परिवर्तित हो जाता है जिससे नींबू का रस लाल हो जाता है। और काटने पर लाल रंग का रस प्राप्त होता है।
वायुदाब वाले स्थान से वायु आने की संभावना हो जाती है। आने वाली
Ans: जब पतंग उड़ती है तो हवा की शक्ति पतंग के सामने की ओर पहुँचती है तो इससे उच्च वायुदाब बनता है ।पतंग के दूसरी ओर यह दाब कम होता है जिससे पतंग ऊपर उठती है। जब पतंग ऊपर उठती है तो दूसरी ओर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति इसे नीचे की ओर भी खींचने का प्रयास करती है, परन्तु पतंग में डोर इस तरह बांधी जाती है कि वह संतुलन बनाकर हवा में उड़ती रहती है।
Ans: राकेट का वेग बहुत अधिक होता है जिसके कारण राकेट का वायु से घर्षण भी अधिक होता है|वायुमंडल के प्रतिरोध को कम करने एवं वायुमंडल के घर्षण से जलकर नष्ट होने से बचाने के लिये रॉकेट का ऊपरी भाग शंकुनुमा बनाया जाता है।
Ans: गति प्रेरण के कारण ऐसा प्रतीत होता है। गति प्रेरण के अनुसार खड़ी हुई बस या ट्रेन में बैठे यात्री पास खड़ी दूसरी ट्रेन या बस के चलते हुये देखते है तो उन्हें अपनी ट्रेन या बस विपरीत दिशा में चलती हुई लगती है।
Ans: जब कोई व्यक्ति किसी चलती गाड़ी से कूदता है तो वह मुँह के बल आगे की ओर गिर जाता है क्योंकि जब व्यक्ति गाड़ी में था तब उसका पूरा शरीर भी गाड़ी के वेग से गतिमान था। जब वह कूदता है तब उसके पांव जमीन के लगते ही स्थिर हो जाते है, परन्तु ऊपर का शरीर गाड़ी के वेग से गतिमान रहता है फलस्वरूप व्यक्ति मुँह के बल आगे की ओर गिर जाता है। गिरने से बचने के लिए व्यक्ति को उतारते समय आगे की तरफ हल्का सा दौड़ना/चलना चाहिए|
Ans: पानी तथा कैरोसीन सुगमता से बहते है जबकि शहद व ग्लिसरीन कठिनाई से बहते है क्योंकि इनके कण परस्पर घर्षण कर बहने का विरोध करते है। यह प्रवृति जल व कैरोसीन की अपेक्षा शहद तथा ग्लिसरीन में अधिक होती है। अतः शहद व ग्लिसरीन कठिनाई से बहते हैं जबकि पानी और कैरोसीन आसानी से बहते हैं।
Ans: सर्दी के दिनों में जब अधिक ठण्ड पड़ती है तो 4°से कम तापमान पर पानी बर्फ में बदल जाता है तथा 4° से नीचे तापमान पर पानी का आयतन बढ़ता है अर्थात बर्फ जमने पर बर्फ का आयतन बढ़ जाता है। आयतन बढ़ने से ही सर्दी के दिनों में नल के पाइप फट जाते हैं।
Ans: रेल की पटरियों के जोड़ के मध्य खाली जगह छोड़ी जाती है, ताकि गर्मी के दिनों में पटरियों के फैलने के लिये जगह मिल सके। यदि इन पटरियों के मध्य रिक्त स्थान नहीं छोड़ा जाये तो गर्मी में उष्मा पाकर फैलने पर पटरी टेढ़ी-मेढ़ी हो जायेगी। अतः गर्मी के दिनों में पटरियों को टेढ़ी-मेढ़ी होने से बचाने के लिये पटरियों के मध्य जगह छोड़ी जाती हैं।
Ans: पृथ्वी की सतह से ऊपर वायुमंडल में हवा का दाब एवं घनत्व सर्वत्र समान नहीं होता है। तारों से आने वाली प्रकाश की किरणें वायु मण्डल की विभिन्न परतों से अपवर्तित होकर गुजरती है इन परतों का घनत्व ताप में परिवर्तन के कारण भी अनवरत बदलता रहता है। परिणामस्वरूप तारों की आभासी स्थिति भी अनवरत बदलती रहती है एवं तारे टिमटिमाते हुये प्रतीत होते है।
Ans: हड्डी टूटने पर उस स्थान पर प्लास्टर ऑफ़ पेरिस चढ़ाया जाता है। यह प्लास्टर ऑफ़ पेरिस हड्डी को सही स्थान पर रखता है तथा हड्डी को कस देता है जिससे वह हिलती नहीं है। किन्तु जोड़ने का कार्य तो कैल्शियम ही करता है। टूटे हुये स्थान पर कैल्शियम कण जमने लगते है। धीरे-धीरे हड्डी के मध्य दूरी कम होने लगती है तथा वह जुड़ जाती है।
24. मौत का कुआ अक्सर मेलों में दिखाई देता है इस मौत के कुएं में एक चालक तेजी से मोटर साइकिल चलाते हुये उल्टा होने पर भी क्यों नहीं गिरता है?
Ans: मौत के कुएं में चालक मोटर साइकिल को चलाते हुये उल्टा होने पर भी नहीं गिरने का कारण अपकेन्द्री बल है जिसके कारण किसी वस्तु को वृत्ताकार पथ पर तेजी से घुमाते हुये वृत्त के केंद्र से उसकी अधिक से अधिक दूरी बनाये रखता है। घूमने की गति जितनी तेज होगी यह अपकेन्द्री बल भी उतना ही अधिक होगा। मौत के कुएं में तेजी से मोटर साइकिल चलाते सवार का उल्टा हो जाने पर भी अपनी सीट से चिपका रह पाना इस अपकेन्द्री बल के कारण ही सम्भव है।
Ans: जब बैंगन को काटा जाता है तो उसकी सतह गहरे भूरे रंग की होने लगती है| यह एंजाइम के कारण होता है बैंगन को काटने पर एंजाइम सतह पर हवा के संपर्क में आती है| जिसके कारण ऑक्सीकरण की क्रिया होती है और सतह का रंग गहरा भूरा हो जाता है| इसी प्रकार सेव को काट कर खुला रखने पर भी रंग परिवर्तन होता है|
यहाँ आपको बहुत ही रोचक जानकारी दी गई हैं। आप इस link को अपने दोस्तों के साथ share कर हमारा थोड़ा सा सहयोग करें।
हमें उम्मीद है कि आपको हमारी यह Post पसंद आई होगी। आप यह Post social media sites वह अपने दोस्तों के साथ share कर हमारी इस मुहिम का हिस्सा बनये, हमारी यह मुहिम सिर्फ आपको सफल बनाने की नहीं बल्कि पूरे india को सफल बनाने की है।
देश के लिए हमारा साथ दीजिए।
Thankyou india.
1 टिप्पणियाँ
Wow thanks for information
जवाब देंहटाएं